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				 Volume 2, Issue (9), Pages 1-36, July (2014)  | 
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| 1 . |  
				सम्पादकीय :विज्ञान युग में टूटेंगे भाषायी बंधन डॉ.पुष्पेन्द्र दुबे, 2(9),1 - (2014)  |  
		
| 2 . |  
				बौद्ध-दर्शन में अनात्मवाद की अवधारणा डॉ. मनीष मेश्राम, 2(9),2 - 7 (2014)  |  
		
| 3 . |  
				महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा: एक विवेचन डा.सुरेश काग, 2(9),8 - 11 (2014)  |  
		
| 4 . |  
				‘कस्बाई सिमोन’ में नारी मुक्ति का स्वर अंकिता शर्मा, 2(9),12 - 15 (2014)  |  
		
| 5 . |  
				कर्मभूमि उपन्यास में सत्याग्रही पात्र ज्योति द्विवेदी, 2(9),16 - 20 (2014)  |  
		
| 6 . |  
				लेखन, मूल्य और हम-हशमत कु.चांदनी गोले, 2(9),21 - 26 (2014)  |  
		
| 7 . |  
				भक्ति सम्प्रदाय का विकास डॉ.शीतल राठौर, 2(9),27 - 29 (2014)  |  
		
| 8 . |  
				दलित अस्मिता के विविध पक्ष गोपाल लाल मीणा, 2(9),30 - 42 (2014)  |  
		
| 9 . |  
				हिंदी व्यंग्य साहित्य में युगबोध आरती, 2(9),43 - 48 (2014)  |  
		
| 10 . |  
				शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रति पालकों की जागरूकता का अध्ययन डॉ.राघवेन्द्र कुमार हुरमाडे, 2(9),50 - 53 (2014)  |  
		
| 11 . |  
				पालि काव्य साहित्य में ‘लोकदीपसार’ डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य, 2(9),54 - 63 (2014)  |  
		
Editorial
							
					
			
		
				
			
				
						
 
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